Arthaat
A different accent of politconomy
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Sunday, June 5, 2022
जाने कहां गए वो दिन ?
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राजामणि टैक्सी खरीदना चाहते हैं. उनको याद है कि उनके दोस्त महेशबाबू ने चार साल पहले टैक्सी ली थी. महेशबाबू को बैंक कर्ज नहीं दे रहे थे...
Sunday, September 30, 2018
कर्ज पर कर्ज
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क्या सरकारी बैंक ही बदकिस्मत हैं क्या वे ही कर्ज के ढेर में दबे हैं ? तो फिर इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंस लिमिटेड (आइएलऐं...
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