Arthaat
A different accent of politconomy
Showing posts with label
Poverty
.
Show all posts
Showing posts with label
Poverty
.
Show all posts
Monday, August 30, 2010
जागते रहो!
›
अर्थार्थ नजर उतारिए सरकार की, बड़ी हिम्मत दिखाई हुजूर ने, वरना तो लोकतंत्र में सरकारें बुनियादी रूप से दब्बू ही होती हैं। बात अगर बड़ी निजी...
Monday, March 29, 2010
भरपूर भंडारों से निकली भूख
›
भारत इस समय पूरी दुनिया को कई बेजोड़ नसीहतें बांट रहा है। हम दुनिया को सिखा रहे हैं कि भरे हुए गोदामों के बावजूद भूख को कैसे संजोया जाता है।...
›
Home
View web version