Arthaat
A different accent of politconomy
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Wednesday, June 22, 2016
सफेद हाथियों का शौक
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सरकारी कंपनियों को बनाए रखने के आग्रह दलीय बाधाएं तोड़कर भारतीय राजनीति का संस्कार बन चुके हैं स रकारी कंपनियों की बिक्री (निजीकरण) क...
Monday, May 21, 2012
फिर ग्रोथ की शरण में
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न हीं चाहिए खर्च में कंजूसी ! घाटे में कमी! निवेश करो !आर्थिक विकास बढ़ाओ! रोजगार दो! नहीं तो जनता निकोलस सरकोजी जैसा हाल कर देगी। .. ग्...
Monday, May 17, 2010
ऐसा भी हो सकता है?
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ग्री स का अपशकुन अब किसका घर घेरेगा? ऋण संकट का वेताल अब किस के आंगन में उतरेगा?.. यही तो सोच रहे हैं न आप? जवाब इस पहेली में छिपा है। आगे ...
1 comment:
Monday, January 11, 2010
चुनौतियों की चकरी
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इस होम में हाथ तो जलने ही थे। अलबत्ता होम तो हो गया, और सुनते हैं कि मंदी का अनिष्ट भी कुछ हद तक टल गया है लेकिन अब बारी हाथों की जलन तो रहे...
Tuesday, December 8, 2009
महासंकट की उलटी गिनती!
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अगर दिल कमजोर है तो इसे जरा संभल कर पढ़ें। यह एक खौफनाक असली कहानी है जो दुनिया के वित्तीय बाजारों में लिखी जा रही है। यह हारर स्टोरी समाचार...
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