Arthaat
A different accent of politconomy
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Monday, December 6, 2021
वाह सुधार, आह सुधार
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इतिहास स्वयं को हजार तरीकों से दोहराता रह सकता है. लेकिन संदेश हमेशा बड़े साफ होते हैं. इतने साफ कि हम माया सभ्यता की स्मृतियों को भ...
Saturday, May 4, 2019
ताकत की साझेदारी
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न ब्बे के शुरुआती दशकों में अगर सत्तर की इंदिरा गांधी या आज के नरेंद्र मोदी की तरह बहुमत से लैस कोई प्रधानमंत्री होता तो क्या ...
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Wednesday, June 22, 2016
सफेद हाथियों का शौक
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सरकारी कंपनियों को बनाए रखने के आग्रह दलीय बाधाएं तोड़कर भारतीय राजनीति का संस्कार बन चुके हैं स रकारी कंपनियों की बिक्री (निजीकरण) क...
Tuesday, January 19, 2016
सुधारों का सूचकांक
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क्या धीरे-धीरे सरकारी नियंत्रण वाली गवर्नेंस लौट रही है , जो बीजेपी के साथ सुधारवादी मुक्त अर्थव्यवस्था की वापसी की उम्मीदों के विपर...
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