Arthaat
A different accent of politconomy
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Wednesday, July 27, 2016
अधूरे सुधारों का अजायबघर
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भारत के आर्थिक सुधार अधूरी कोशिशों का शानदार अजायबघर हैं. शु रुआत अच्छी हो तो समझ लीजिए कि आधा रास्ता पार. कहावत ठीक है बशर्ते इ...
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Monday, August 8, 2011
घोटालों की रोशनी
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घो टालों के कीचड़ के बीच भी क्या हम उम्मीद के कुछ अंखुए तलाश सकते हैं? भ्रष्टाचार के कलंक की आंधी के बीच भी क्या कुछ बनता हुआ मिल सकता है? ...
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Monday, February 14, 2011
सबसे बड़ा घाटा
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अथार्थ इ स बजट में अगर वित्तस मंत्री दस फीसदी विकास दर का दम भरें तो पलट कर खुद से यह सवाल जरुर पूछियेगा कि आखिर पांच फीसदी (सुधारों से पहल...
Monday, January 24, 2011
टाइम बम पर बैठे हम
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अर्थार्थ अ र्थव्यथवस्था के डब्लूटीसी या ताज (होटल) को ढहाने के लिए किसी अल कायदा या लश्क र-ए-तैयबा की जरुरत नहीं हैं, आर्थिक ध्वंस हमेशा देश...
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