Arthaat
A different accent of politconomy
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Monday, October 1, 2012
बड़े दांव और गहरे जोखिम
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य ह इतिहास बनते देखने का वक्त है , जो आर या पार के मौके पर बनता है। दोहरी मंदी और वित्तीय संकटों की अभूतपूर्व त्रासदी में खौलते अटल...
Monday, August 1, 2011
महाबली का महामर्ज
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दो अगस्त को आप किस तरह याद करते हैं, जर्मनी में हिटलर की ताजपोशी की तारीख के तौर या फिर भारत में कंपनी राज की जगह ब्रिटिश राज की शुरुआत के ...
Monday, July 25, 2011
साख की राख
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या द नहीं पड़ता कि इतिहास को इस कदर तेजी से पहले कब देखा था। आर्थिक दुनिया में पत्थर की लकीरों का इस रफ्तार से मिटना अभूतपूर्व है। तारीख दर्...
Monday, April 18, 2011
डॉलर-राज से बगावत
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मौ द्रिक बाजार के बादशाह के खिलाफ बगावत हो गई है। दुनिया की नई आर्थिक ताकतों (ब्रिक्सं) ने मिलकर अमेरिकी डॉलर के खिलाफ विद्रोह का झंडा बुलंद...
Monday, November 8, 2010
असमंजस की मुद्रा
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अर्थार्थ साख बचे तो (आर्थिक) सेहत जाए? ताज मिले तो ताकत जाए? एक रहे तो भी कमजोर और बिखर गए तो संकट घोर?? बिल्कुल ठीक समझे आप, हम पहेलियां ह...
Monday, November 1, 2010
मुद्रास्फीति की महादशा
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अर्थार्थ स ड़क पर से बैंकनोट बटोरे जा रहे हैं। (हंगरी 1946) .. लाख व करोड़ मूल्य वाले के नोट लेकर लोग जगह जगह भटक रहे हैं। (जर्मनी 1923) ...
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