Arthaat
A different accent of politconomy
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Sunday, March 19, 2023
इसी का तो खतरा था
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कानपुर के दीपू घरेलू खपत की सामानों के डिस्ट्रीब्यूटर हैं. बीते पांच छह महीने में हर सप्ताह जब उनका मुनीम उन्हें हिसाब दिखाता है उ...
Friday, November 6, 2020
ध्यान किधर है?
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भा रतीय सीमा में किसी के ‘ घुसे होने या न होने ’ की उधेड़बुन के बीच जब मंत्री - अफसर हथि यारों की खरीद के लिए मॉस्को - दिल्ली एक कर रहे...
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