यदि दुनिया में चिंताओं
को नापने का कोई ताजा सूचकांक बनाया जाए तो डगमगाता अमेरिका और डूबता यूरोप उसमें
सबसे ऊपर नहीं होगा। दुनिया तो अब थमते चीन को लेकर बेचैन है। ग्लो्बल ग्रोथ का यह टर्बोचार्ज्ड
इंजन धीमा पड़ने लगा है। चीन अब केवल एक देश का ही नाम नही बलिक एक नए किस्म की ग्लोबल
निर्भरता का नाम भी है। दुनिया की दूसरी सबसे बडी अर्थव्यवस्था की फैक्ट्रियों में बंद मशीनों को देख कर ब्राजील,
अफ्रीका और अमेरिका की खदानों से लेकर ताईवान व कोरिया के इलेक्ट्रानिक केंद्रो तक
डर की लहर दौडने लगी है। चीन की ग्रोथ में गिरावट दुनिया की सबसे बड़ी बहुआयामी
चुनौती है। सुस्त पडता चीन विश्व की कई कंपनियों
को दीवालिया कर देगा।
चीन की मशीन
चीन की आर्थिक विकास
दर अप्रत्याशित तेजी से गिर रही है। जुलाई से सितंबर के दौरान चीन की विकास दर तीन साल के सबसे निचले
स्तर 7.4 फीसदी पर आ गई है। चीन के विशाल मैन्युफैक्चरिंग उद्योग की वृद्धि दर
लगातार 11वें माह गिरी है। निर्यात आर्डरों में सितंबर दौरान, पिछले 42 माह की, सबसे
तेज कमी दर्ज की गई। चीन की प्रमुख मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों का मुनाफा लगातार छठे
माह नीचे आया है। इसलिए विश्व बैंक के ताजे आर्थिक अनुमानों सबसे जयादा चिंता चीन
को लेकर जाहिर की गई है। विश्व बैंक मान रहा है कि चीन में आर्थिक विकास दर अपेक्षा
से तेज गिरावट के कारण पूरे एशिया प्रशांत क्षेत्र में यह 2001 के बाद का यह सबसे
खराब